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bank me 295 rupees charge kat raha hai account se

यदि आपके बैंक खाते से बार-बार ₹295 कट रहे हैं, तो इस को पूरा एंड तक देखें, हम इसी टॉपिक पर,  डिटेल में बात करने वाले हैं. काफी यूजर्स ने कमेंट किया है कि, उनके बैंक अकाउंट से बार-बार ₹295 कट रहे हैं, इसी तरीके से कुछ यूजर ने यह भी लिखा है, कि उनके अकाउंट में फिलहाल, बैलेंस रखना बंद कर दिया है, तो अकाउंट में लीन होल्ड लग रहा है, या अकाउंट में बैलेंस, माइनस में जा रहा है. जैसे 10 बार ईसीएस कैंसिल हुआ, तो ₹2950 तक लीन होल्ड लग जाता है, ऐसा क्यों होता है? और इसको रोकने का क्या तरीका है?

Bank account se baar baar charge kat raha hai.

चार्जेज कटने से कैसे रोके? चलिए जानते हैं. पहले जानते कि आखिर ऐसा क्यों होता है? देखिये, जब भी आप किसी प्राइवेट फाइनेंस कंपनी  से लोन लेते हैं, या कोई प्रोडक्ट ले रहे हैं, जैसे आपने मोबाइल फोन किस्तों पर  खरीदा है, या आपने कोई बाइक ली है इएमआई  पर. तो यह फाइनेंस शुरू करते समय, फाइनेंसर आपसे ईसीएस मैंडेट फॉर्म,  या  फिर एनएसीएच मैंडेट का फॉर्म भरवाता है. और वह भर कर, आप के बैंक को भेज दिया जाता है, इसका मतलब यह हुआ कि उसके बाद हर महीने, किसी खास तारीख को, आपके बैंक खाते से उसकी किस्त कटेगी यानी ईएमआई कटेगी. लेकिन यदि उस वक्त, खाते में क़िस्त के लिए पूरा बैलेंस नहीं होता है तो आपके पास ₹295 कटने का मैसेज आएगा, यहां तक तो ठीक है, लेकिन कई बार यह भी होता है कि आप वही ईएमआई अपने फाइनेंसर को सीधा नकद जमा करवा देते हैं, या दुसरे खाते से भेज देते है ,  उसके बावजूद भी आपके बैंक खाते से ₹295 कट जाते हैं.

ECS mandate charge kya hai.

आप ईसीएस मैंडेट फॉर्म भरके दे रहे हो, और आप किस्त, यानी ईएमआई अपने बैंक खाते के द्वारा  नहीं कटवा रहे हैं, बल्कि आप अलग से जमा करवा रहे हो, तो असली गलती यहीं से शुरू होती है, और यहां से शुरुआत होती है चार्जर्स की, ईसीएस या एनएसीएच बाउंस होने  के कारन चार्जेस बार-बार कटते रहते है. कई बार देखने में आता है की ईएमआई चुका दी गई हैं, लोन पूरा हो चुका है, उसके बावजूद, बार बार ₹295 कट जाते है. यहां तक कि महीने में 3 बार भी ईसीएस हिट हो जाता है, यानी लगभग ₹900 कट जाते हैं. इससे काफी ग्राहक  परेशान है, इसीलिए इसके  समाधान की बात करते  हैं.

NACH return 590 rupees

तो हमें करना ये है की,  है जब भी आपकी एमआई पूरी हो रही है, लोन पूरा हो रहा है, तो आपको अपने फाइनेंसर से संपर्क करना है, और वहां पर उनके द्वारा आपके बैंक को, ईसीएस कैंसिलेशन फॉर्म या एनएसीएच कैंसिलेशन फॉर्म भिजवाना है, यदि आपने लोन चुकाने के बाद, अपने फाइनेंसर से एनओसी ले ली है, तो वह आप अपने बैंक को भी  दे सकते हो, आपका बैंक अपने बैकएंड डिपार्टमेंट में एनओसी भेजकर ऑटो डेबिट को रुकवा सकता है.

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Pratibha:

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  • आपने इसके बारे में शानदार बताया है काफी अच्छी जानकारी दी आपने इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद .डिजिटल बैंकिंग इंडिया एक अच्छी साइट है . डिजिटल बैंकिंग इंडिया यह बताता है कि इंडिया में डिजिटल बैंकिंग कैसे काम करता है. बहुत ही बढ़िया जानकारी.