NACH charge or NACH mandate charge

NACH charge or NACH mandate charge ki puri jankari.

NACH यानी नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस, यह सर्विस नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा शुरू की गई है. इसमें डेबिट और क्रेडिट, दोनों पार्ट इसमें होते हैं. जब काफी सारे बल्क में खातों में, लेन देन हो, लेकिन उनकी वैल्यू या राशी कम हो तो NACH payment का यूज किया जाता है, यानी एक साथ खातों में पैसे जमा किए जाते हैं . जैसे कि यदि आपने कोई शेयर खरीद रखें हों, और उनका डिविडेंड आपको भुगतान, करना हो तो, डिविडेंड NACH Credit क्रेडिट द्वारा किया जाता है .

ACH mandate or Ach e mandate kya hai?

अब हम बात करते हैं NACH debit or ACH e mandate की, यानी नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस द्वारा, आपके खाते को डेबिट किया जाता है. इससे पहले तो, कस्टमर द्वारा NACH mandate मेंडेट दिया जाता है, उसके बाद खाता डेबिट किया जाता है. जब आपने या तो कोई लोन लिया हो, या आपकी कोई इंश्योरेंस की प्रीमियम राशी कटनी हो, या फिर म्यूच्यूअल फण्ड में SIP कटनी हो, तो इसके लिए पहले आप अपने अकाउंट को, NACH Mandate देकर रजिस्टर करते हैं, उसके बाद यह सर्विस शुरू की जाती हैं . यानी आप ने NACH Mandate अपने बैंक को दिया है, या कंपनी को , जिसके द्वारा पैसा काटा जाना है ,

NACH payment charge or NACH charge debit

मान लीजिए आपने कोई जीवन बीमा ले रखी है, उसका सालाना प्रीमियम भुगतान अपने आप कराना है, तो आप NACH mandate se NACH payment कर देते हैं, तो तय समय पर आपके खाते से NACH mandate राशि ऑटो डेबिट हो जाती है. लेकिन कई बार खाते में बैलेंस नहीं होता, तो जब NACH hit or ECS hit हिट होता है, उस टाइम खाते में बैलेंस नहीं होने की स्थिति में, आपका बैंक NACH charge or NACH mandate charge चार्ज काट लेता है. जो कि नॉर्मल ₹250 और यानि 295 rupees NACH rtn charge लिया जाता है. इसी तरीके से आपके खाते से कोई म्यूच्यूअल फण्ड SIP कटनी हो, लेकिन उस तारीख को, आपके खाते में बैलेंस नहीं है, तो NACH return होता है तो NACH charge or NACH mandate charge चार्ज कटेगा. इसकी मुख्य वजह क्या है?

NACH charge or NACH rtn kya hota hai?

NACH charge or NACH mandate charge khu lagta hai? ऐसे इसलिए होता हैं कि, हो सकता है कि आपने जो लोन लिया है, वह अपने बीच में अलग से नकद जमा करवा दिया, लेकिन उस संस्था द्वारा आपके बैंक को ऑटो डेबिट के लिए आदेश दिया गया है उसमें एंड डेट है वह आपके लोन पूरा होने की डेट है. जबकि हो सकता है लोन पहले बंद करा दिया गया हो, लेकिन वह आपके बैंक को डिटेल नहीं भेजता कि अकाउंट बंद हो चुका है. इसलिए आपके खाते में वह अमाउंट डेबिट होने के लिए आदेश आता है. इसलिए इसका खास ध्यान रखें, जब भी आप लोन को क्लोज करवा देते हैं, समय से पहले क्लोज कर देते हैं, तो इसकी जानकारी दें कि आपके खाते में N A C H को स्टॉप कराएं. कई बार आपके बैंक की नेट बैंकिंग को लॉगइन करके भी, आप उसको NACH charge or NACH mandate charge स्टॉप कर सकते हैं.

NACH kya hota hai or nach meaing kya hai?

इसी तरीके से यदि आपने म्यूच्यूअल फण्ड sip स्टार्ट करवा रखी है, आपने उसमे कोई sip की अंतिम डेट नहीं डाली हो, तो बाय डिफॉल्ट, डेट दिसंबर 2099 तक रहती है , इसलिए जब आप सिप चालू नहीं रखना चाहते हैं, तो आपको मैनुअली जाकर, आपकी बैंक की नेट बैंकिंग लॉगइन करके, बिल पेमेंट सेक्शन में जाकर, NACH charge or NACH mandate charge स्टॉप करना होता है . और यही काम आप उस म्यूच्यूअल फंड की ऐप, में लॉगिन करके भी इसे पॉज या फिर परमानेंट स्टॉप कर सकते हैं. यदि आप स्टॉप नहीं करते हैं और उस पार्टिकुलर डेट को आपके खाते में राशी डेबिट होनी होती है, पर खाते में बैलेंस नहीं होता, उस स्थिति में भी आपका एनएसीएच रिचार्ज कटेगा . ध्यान देने वाली बात यहां पर यह भी है, कि कई बार चार्ज काटना होता है, लेकिन उस खाते में, चार्ज काटने जितना भी बैलेंस नहीं होता, तो उतने रुपए की राशि खाते में होल्ड हो जाती है. और जब भी खाता धारक अपने खाते में बैलेंस जमा करवाता है, उस टाइम एक साथ वो चार्ज राशि कट जाती है. इसलिए कई बार ग्राहक बोलते हैं कि मेरे खाते में होल्ड या लियन लगा हुआ है. या फिर यूं कहें कि खाते में बैलेंस नेगेटिव दिखाता है.

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